ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी! ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी!
कर्तव्य कहीं लुफ्त हो चुका है , अब शापित है समाज धीरज अंधकार में छुप गया है, विकृत सो कर्तव्य कहीं लुफ्त हो चुका है , अब शापित है समाज धीरज अंधकार में छुप गया है,...
परी नहीं होती है सच में परी नहीं होती है सच में
वक्त अच्छा हो या बुरा, कुछ ना कुछ सिखा ही जाता है। वक्त अच्छा हो या बुरा, कुछ ना कुछ सिखा ही जाता है।
घर में घर में